रविवार, 4 फ़रवरी 2018

मंगलाचरण


जय गणपति । जग अधिपति
जय गजमुख । गौरी सुख
पाँव परवँ । माथ धरवँ
श्रद्धा धर । मन मा भर
शिव नंदन । प्रभु वंदन
विनती सुन । थोकिन गुन
दे सुमती । हर कुमती
गुण भर दे । शुभ कर दे


(सुगती छंद)
श्याम राधे । श्याम राधे
मोर भारे । तहीं धारे
दया कर के । हाथ धर के
संग कर लौ । दास कर लौ
चरित तोरे । करय भोरे
जगत तारे । पाप हारे
नाम तोरे । रूप तोरे
तोर दाया । मिटय माया

(छबि छंद)
हे वेद व्यास । करवँ अरदास
मन भर उजास । मोर बड आस
लेत प्रभु नाम । करवँ शुरू काम
जगत पति श्याम । करय मन धाम
देव शुक पाँव । माथे नवाँव
महिमा सुनाव । श्रीहरि लखाव
शारद मनाँव । मूरत बसाँव
मेटव अज्ञान । हृदय भर ज्ञान

2 टिप्‍पणियां:

कुन्ती के द्वारा भगवान के स्तुति

  (लीला छंद) आघु कथा कहय सूत । कृश्ण माया अवधूत जब कृश्ण गर्भ बचाय । उत्तरा माथ नवाय जानय कृश्ण उपकार । पाण्डव करय जयकार कुन्ती माथा नवाय । ...

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